हमारा छत्तीसगढ़ आदिकाल से ना केवल मनोरम वनांचल ओ एवं सुरम्य वादियों तथा ऋषि-मुनियों की तपस्थली रहा है, अपितु विभिन्न सांस्कृतिक, राजनैतिक तथा शैक्षणिक गतिविधियों का केंद्र रहा है. वैसे तो भारत प्राचीन काल से शिक्षा, दर्शन, साहित्य कला एवं विज्ञान के क्षेत्र विश्वगुरु रहा है परंतु वह आज विश्व की एक प्रमुख शैक्षणिक, वैज्ञानिक और आर्थिक शक्ति बनने की ओर अग्रसर है. राष्ट्र को इस लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए, सम्मुख सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए शिक्षा के बहुमुखी विकास के लिए तैयार है. इसके लिए दीर्घकाल तक देश को कुशल मानव संसाधन उपलब्ध कराना तभी संभव होगा जब उत्तम शिक्षा के अवसर सर्वसुलभ कराए जाएं तथा कुशल विद्वान एवं प्रशिक्षित अध्यापक उपलब्ध हो.
इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए छत्तीसगढ़ के प्राचीनतम धर्म नगरी शिवरीनारायण जो महानदी, शिवनाथ एवं जोक नदी के संगम पर बसा है भगवान श्री शिवरीनारायण मठ मंदिर ट्रस्ट जिसके प्रबंध न्यासी राजेश डॉ महंत रामसुंदर दास जी ने अंचल एवं सुदूर के बालक-बालिकाओं को शिक्षित करने के लिए तथा उनके सर्वांगीण विकास तथा रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने दिनांक 8 फरवरी 1999 शुक्ल त्रयोदशी के दिन शिवरीनारायण मठ के पूर्व स्वनामधन्य  महंत लालदास महाराज जी के पुण्य स्मृति में श्री महंत लालदास प्राथमिक विद्यालय, श्री महंत लालदास उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, श्री महंत लालदास कला एवं विज्ञान महाविद्यालय एवं श्री महंत लालदास शिक्षा महाविद्यालय की स्थापना कर क्षेत्र में बहुआयामी सेवाएं प्रदान कर रही है.
यह शिक्षण संस्थान अपनी स्थापना के उद्देश्य एवं लक्ष्य के अनुरूप शैशव काल से ही केवल निर्धारित पाठ्यक्रम के अध्यापन में अपने को सीमित नहीं रखा है। अपितु अध्येताओं के व्यक्तित्व को शारीरिक मानसिक नैतिक पक्षों से उन्नत करने तथा उत्तम गुणों और मूल्यों से युक्त सर्वहितकारी नागरिक बनने के लिए शुभ संस्कारित शिक्षा प्रदान कर रहा है। विद्यालय एवं महाविद्यालय में छात्रों की निरंतर बढ़ती संख्या यह प्रमाणित करती है कि संस्थान ज्ञान पिपासु एवं व्यक्तित्व निर्माण के इच्छुक प्रबुद्ध छात्रों के लिए एक आकर्षण केंद्र बन चुका है सभी कक्षाओं एवं विषयों का अध्यापन योग एवं अनुभवी विद्वान निष्णात अध्यापकों तथा अध्यापकों द्वारा किया जा रहा है यह बताते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है कि शहीद नंदकुमार पटेल विश्वविद्यालय रायगढ़ से कला एवं विज्ञान, बीए, बीएससी, डीसीए, पीजी डिप्लोमा इन योग साइंस, सीएस, पीजीडीसीए, बीएससी और शिक्षा संकाय को संबद्धता प्रदान की गई है. शिक्षा महाविद्यालय को राष्ट्रीय शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से भी स्थाई मान्यता उपलब्ध है।
यह उल्लेख करते हुए हमें गर्व हो रहा है कि ट्रस्ट के निवासियों श्री ज्योतिंद्र नाथ ठाकुर जी (न्यासी सचिव), श्री ललित सुरजन जी (संपादक देशबंधु), डॉ अशोक शर्मा जी, डॉ एन.के. यदु जी, श्री बृजेश केसरवानी जी एवं लक्षण प्रसाद मिश्रा जी तथा श्री महंत लालदास शिक्षण समिति के संस्थापक अध्यक्ष राजेश्री डॉ महंत रामसुंदर दास जी महाराज, श्री निरंजन अग्रवाल जी, श्री पुनीत तिवारी जी, श्री ओम प्रकाश सुल्तानिया जी, श्री योगेश शर्मा जी, श्री जवाहर केसरवानी जी, श्री देव लाल सोनी जी, श्री उदय राम केवट जी, श्री अशोक शर्मा जी, डॉ डीके मरोठिया जी, डॉ के. के. सुगंधि जी, श्री राजीव रंजन श्रीवास्तव जी आदि ने हमेशा हमारा मार्गदर्शन किया है तथा सदैव सहयोग किया है.
डॉ लक्ष्मण प्रसाद मिश्रा जी निवासी एवं पूर्व सचिव श्री लालदास शिक्षा समिति के विशेष मार्गदर्शन से ही यह शैक्षणिक संस्था अपने आदर्श को स्थापित कर उत्तरोत्तर विकास कर रही है।
विद्यालय के प्राचार्य श्री जे.आर. कश्यप, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ कमलेश कुमार पटेल और समस्त शिक्षक शिक्षकों तथा कर्मचारियों ने भी मना योग पूर्वक संस्थान को आगे बढ़ाने तथा गौरव प्रदान करने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं शिक्षण संस्थान राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा देने के लिए कृत संकल्प है इस सत्र के लिए इस महाविद्यालय में प्रवेश देने के लिए आपका स्वागत है। 

ReplyForward